बागड़ा जागृति - एक परिचय
समाज में नवीन चेतना जागृति का वाहक "बागड़ा जागृति" हिंदी मासिक पत्रिका का प्रकाशन फरवरी 2004 से अनवरत जारी है। बागड़ा जागृति सूचना संप्रेषण के अपने मुख्य कार्य के साथ-साथ समाज में सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु जन चेतना जागृत करने का कार्य कर रहा है। दहेज प्रथा मृत्यु भोज सहित सभी समसामयिक सामाजिक कुरीतियों के प्रति समाज बंधुओ को जागरूक कर उनके उन्मूलन का सार्थक प्रयास लगातार जारी है। महिला सशक्तिकरण, महिला शिक्षा को बढ़ावा ,समाज की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर उनका उत्साहवर्धन करना ,सामाजिक अवेयरनेस के कार्यक्रम सहित तमाम सार्थक प्रयास जिससे समाज की समग्र विकास की पृष्ठभूमि तैयार हो के कार्यक्रमों का सफल संपादन बागड़ा जागृति के द्वारा लगातार जारी है। बागड़ा जागृति अक्टूबर 2024 से ऑनलाइन भी प्रकाशित की जा रही है।
"बागड़ा जागृति" सामाजिक मुद्दों, सांस्कृतिक गतिविधियों, और समाज के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है। यह पत्रिका समाज के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, और मानवीय मूल्यों जैसे विषयों पर लेख, रिपोर्ट, और साक्षात्कार प्रस्तुत करती है। इसके माध्यम से पाठकों को सामयिक समस्याओं और सामाजिक सुधारों के प्रति जागरूक किया जाता है।
सामाजिक पत्रिका का उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और समाजबंधुओं को एक बेहतर समाज निर्माण के लिए प्रेरित करना होता है। यह विशेष रूप से उन मुद्दों को उजागर करती है, जो मुख्यधारा की मीडिया में अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। उदाहरण के लिए, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण जैसी विषयों पर गहराई से चर्चा की जाती है।
इसके अतिरिक्त, सामजिक पत्रिका साहित्य, कला, और सांस्कृतिक धरोहर को भी महत्व देती है और नए लेखकों तथा विचारकों को अपनी बात रखने का एक मंच प्रदान करती है।